DETAILED NOTES ON BAGLAMUKHI

Detailed Notes on baglamukhi

Detailed Notes on baglamukhi

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As a result of this sacred ritual, they're able to invoke the blessings of Maa Baglamukhi and request her divine intervention within their quest for parenthood.

अपनी सफलता के लिए कोई भी व्यक्ति इस बगलामुखी यंत्र का उपयोग कर सकता है.इसका वास्तविक रूप मे प्रयोग किया गया है.इसे अच्छी तरह से अनेक लोगों पर उपयोग करके देखा गया है.इस बगलामुखी यंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा करने के बाद इसे अपने पूजा के स्थान पर या अपने गृह मंदिर मे लकड़ी के बने चौक जिसपर पीला आसन लगाया गया हो उसपर स्थापित कर दें.स्नान करने के बाद पूजा करें.अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए अपने दाहिने हाथ मे जल लेकर,माँ बगलामुखी मंत्र का जप करें और बगलामुखी यंत्र पर छिड़क दें.

) बगलामुखी यंत्र के साथ प्राण-प्रतिष्ठा का प्रसाद भेजा जायेगा.(किसी भी प्रकार की खाने की वस्तु को नहीं भेजा जायेगा).

बगलामुखी महामंत्र का अर्थ इस प्रकार हैं:-

The various weapons that Maa Baglamukhi holds in her fingers depict her power to defeat evil forces and secure her devotees.

This is among the boons for which Bagalamukhi's devotees worship her. Other Mahavidya goddesses can also be explained to characterize very similar powers useful for defeating enemies, to become invoked by their worshippers by way of numerous rituals.

विशेष रूप से वस्त्र तथा पुष्प के संबंध में- बगलामुखी के अनुष्ठान में सभी वास्तु पिली होनी चाहिए। जैसे – पिली धोति ,दुपट्टा ,हल्दी की गाँठ की माला ,पीला आसन ,पीला पुष्प एवं पीत वर्णवाली बगलामुखी देवी में तल्लीन होकर अनुष्ठान करने की विधान है।

सबसे पहले आध्य,पूर्व शास्त्रीय,महा काव्य,शास्त्रीय संगीत के बाद शास्त्रीय और आधुनिक योग में हुआ है. यंत्र एक प्रकार से भगवान और देवताओं को प्रदर्शित करता हुआ चिन्ह है.यह विभिन्न प्रकार के पदार्थो द्वारा निर्मित किया जाता है.जैसे- सोना,चांदी,तांबा,स्फटिक,भुर्ज हड्डिया और् शालिग्राम.यंत्र निर्माण के दौरान मंत्रों का उच्चारण,बिंदी,गुप्त पत्र,गुप्त मंत्र,रंग,आकार,आकड़ों का खास ख्याल रखा जाता है. जबकि बगलामुखी यंत्र के रंग और रोगन के समय सटीकता,शुध्दता,अनुशासन,एकाग्रता,स्वच्छता और धैर्यता का काफी ज्यादा महत्व दिया जाता है. ये कार्य सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जो धर्म को गहराई से जाने और शास्त्र का अध्ययन किया हो.

स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा !!

उन्होनें सृष्टि विनाशक तूफान को नियंत्रित कीं तथा सृष्टि को बर्वाद होने से बचाई

माँ बगलामुखी की जो उपासना विधि मेने आपके साथ साझा की है वो बहुत ही कारगर है अगर आप की इस विधि में किसी भी प्रकार की समस्या अति है या आप किसी परेशानी से झूझ रहे है तो आप हमसे अभी ही जुड़ सकते है हमारा उद्देश्य आप सभी की हर समस्या का निवारण करना जिससे आप अपने जीवा को सुख पूर्वक और ख़ुशी पूर्वक जी सके और अपनी सभी इच्छाओ को पूरी कर सको।

इस यंत्र को उन धतुओं पर उकेरा जा सकता है जो सिर्फ स्वर्ण आभा लिए हो.बगलामुखी का यंत्र बुरी शक्तियों से बचाव में click here अचूक हैं.बगलामुखी यंत्र शत्रुओं पर लगातार विजय श्री दिलाता है.यह यंत्र अकाल मृत्यु,दुर्घटना,दंगा फसाद,औपरेशन आदि से भी बचाव करता है.इसे गले में पहनने के साथ-साथ पूजा घर में भी रख सकतें हैं.इस बगलामुखी यंत्र की पूजा पीले दाने,पीले वस्त्र,पीले आसन पर बैठकर निम्न मंत्र को प्रतिदिन जप करते हुए करना चाहिए.

So, by participating During this spiritual practice, partners can cultivate a sense of optimism and increase their chances of conceiving a youngster.

A lesser recognised temple in the goddess is positioned in Somalapura (Kalyani) of Sindhanur taluk, Raichur district of North Karnataka. It's believed being a powerful Bagulamukhi Sidhdha Shakta pitha. As per area legends, the temple was created by a great yogi soon after goddess' sakshaatkara fell in adore with him.

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